,शैतान ने सिर्फ़ एक सजदे का इनकार किया
और हमेशा के लिए मर्दूद हो गया -
ज़रूरपढ़ें ........ और सोचें!!!
और हमेशा के लिए मर्दूद हो गया -
ज़रूरपढ़ें ........ और सोचें!!!
● शैतान ने कोई ज़िना किया था?
● कोई क़तल किया था?
● शराब पी थी?
● जोए-खेला था?
● क्या किया था इस ने?
● कोई शिर्क किया था इस ने?
● इस ने एक सजदे का इनकार किया था... सिर्फ़ एक सजदे का इनकार किया .... और हमेशा के लिए मर्दूद हो गया
और मुस्लमान को होश नहीं
जो दिन में पाँच नमाज़ों में आने वाले बीसों सजदों का इनकार करता है
और फिर भी बेफ़िकर है ये सोचता है
कि वो मर्दूद नहीं हुआ।।
● कोई क़तल किया था?
● शराब पी थी?
● जोए-खेला था?
● क्या किया था इस ने?
● कोई शिर्क किया था इस ने?
● इस ने एक सजदे का इनकार किया था... सिर्फ़ एक सजदे का इनकार किया .... और हमेशा के लिए मर्दूद हो गया
और मुस्लमान को होश नहीं
जो दिन में पाँच नमाज़ों में आने वाले बीसों सजदों का इनकार करता है
और फिर भी बेफ़िकर है ये सोचता है
कि वो मर्दूद नहीं हुआ।।
● कितने सुकून से सोता है,
● चाय पीता है
● खाना खाता है
● बीवी के पास जाता है ।।
● घूमता फिरता है,
● खेलता है
● कूदता है
● हर काम करता है
● चाय पीता है
● खाना खाता है
● बीवी के पास जाता है ।।
● घूमता फिरता है,
● खेलता है
● कूदता है
● हर काम करता है
लेकिन सिर्फ़ सातवें दिन जुमे वाले दिन टोपी सिर पर रख कर मस्जिद में आ जातेे है
जैसे नमाज़ सिर्फ़ जुमे की फ़र्ज़ है?
जैसे नमाज़ सिर्फ़ जुमे की फ़र्ज़ है?
● क्या अल्लाह सिर्फ़ जुमे को खिलाता है?
● क्या अल्लाह सिर्फ़ जुमे को बुलाता है?
● क्या अल्लाह सिर्फ़ जुमे को नेअमते उतारता है?
● कैसे पत्थर दिल हैं हम लोग।।।
मालिक बुला रहा है
और हमारे कान पर जूं नहीं रेंगती कैसे बेवक़ूफ हैं हम लोग।।।
सारा दिन कामयाबी की तलाश में रहते हैं...
और अल्लाह कामयाबी के लिए पुकारता है....
मालिक बुला रहा है
और हमारे कान पर जूं नहीं रेंगती कैसे बेवक़ूफ हैं हम लोग।।।
सारा दिन कामयाबी की तलाश में रहते हैं...
और अल्लाह कामयाबी के लिए पुकारता है....
● हय्या अल-लफ़लाह।।।
आओ कामयाबी की तरफ़।।।
लेकिन कोई परवाह नहीं कान तक नहीं धरते...
आओ कामयाबी की तरफ़।।।
लेकिन कोई परवाह नहीं कान तक नहीं धरते...
● हम तो इस हद तक बेहिस और बेगैरत हो चुके हैं..
● मोबाइल खो जाये दुख है।
● खेल छूट जाएं,
● मैच हार जाएं दुख है।।।।
लेकिन नमाज़ छूट जाये दुख ही नहीं।
..अल्लाह पाक से दुआ है
अल्लाह पाक हम सबको पाँच वक़्त का नमाज़ी बनाए....★
● मोबाइल खो जाये दुख है।
● खेल छूट जाएं,
● मैच हार जाएं दुख है।।।।
लेकिन नमाज़ छूट जाये दुख ही नहीं।
..अल्लाह पाक से दुआ है
अल्लाह पाक हम सबको पाँच वक़्त का नमाज़ी बनाए....★
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